Introduction of Psychology
मनोविज्ञान का परिचय व इतिहास
मनोविज्ञान (Psychology) वह शैक्षिक व अनुप्रयोगात्मक विद्या है जो प्राणी (मनुष्य, पशु आदि) के मानसिक प्रक्रियाओं (mental processes), अनुभवों तथा व्यक्त व अव्यक्त दोनों प्रकार के व्यवहारों एक क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक अध्ययन करती है।
दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जो क्रमबद्ध रूप से (systematically) प्रेक्षणीय व्यवहार (observable behaviour) का अध्ययन करता है तथा प्राणी के भीतर के मानसिक एवं दैहिक प्रक्रियाओं जैसे – चिन्तन, भाव आदि तथा वातावरण की घटनाओं के साथ उनका संबंध जोड़कर अध्ययन करता है। इस परिप्रेक्ष्य में मनोविज्ञान को व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं के अध्ययन का विज्ञान कहा गया है। ‘व्यवहार’ में मानव व्यवहार तथा पशु व्यवहार दोनों ही सम्मिलित होते हैं। मानसिक प्रक्रियाओं के अन्तर्गत संवेदन (Sensation), अवधान (attention), प्रत्यक्षण (Perception), सीखना (अधिगम), स्मृति, चिन्तन आदि आते हैं।
मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ : –
मनोविज्ञान शब्द ग्रीक भाषा के साइको (Psyche) तथा लॉगस (Logos) शब्द से मिलकर बना है।
साइको का अर्थ आत्मा (Soul) और लोगस (Logos) शब्द का अर्थ विज्ञान (Science) या अध्ययन है।
मनोविज्ञान के अध्ययन का विषय किस शताब्दी में क्या रहा ?
ग्रीस(यूनानी) दार्शनिकों के अनुसार मनोविज्ञान → आत्मा का विज्ञान (16वीं सदी तक) : –
16वीं शताब्दी में ग्रीस (Greece) देश में दार्शिकों ने इसके शाब्दिक अर्थ के अनुसार इसे ‘आत्मा का अध्ययन करने वाला विज्ञान माना गया है’ इसी शाब्दिक अर्थ के कारण मनोविज्ञान को ‘आत्मा का ज्ञान’ माना जाता है। ईसा के पांच सौ वर्ष पूर्व से 16वीं शताब्दी तक मनोविज्ञान के अर्थ के सम्बन्ध में यही धारणा प्रचलित रही।
इन यूनानी दार्शिनिको में प्लेटो (Plato), अरस्तु (Aristotle) तथा डैकार्टे (Descartes) उल्लेखनीय और प्रमुख है।
मनोविज्ञान → मन/मस्तिष्क का विज्ञान (17वीं,18वीं शताब्दी में): –
जे. एस. रौस के अनुसार – “पहले मनोविज्ञान का अर्थ आत्मा से लगाया जाता था परन्तु यह परिभाषा अस्पष्ट है क्यों कि हम इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकते कि ‘आत्मा’ क्या है ? अतः 16 वीं शताब्दी में मनोविज्ञान का यह अर्थ अस्वीकार कर दिया गया।”
17वीं शताब्दी तथा 18वीं शताब्दी के दार्शनिकों ने, जिनमें लिबिनिज, हॉब्स, जॉन लॉक, कांट, ह्यूम, पोम्पोलॉजी, थॉम्स रीड आदि का नाम उल्लेखनीय हैं, ने ‘Psyche’ का अर्थ मन व मस्तिष्क बताया और का कि मनोविज्ञान की विषय-वस्तु मन है। फलत: मनोविज्ञान मन के अध्ययन का विज्ञान माना गया।
मनोविज्ञान → चेतना का विज्ञान (19वीं शताब्दी में): –
मन का विज्ञान मानने वाले दार्शनिकों की परिभाषाओं में मुख्यत: दो तरह के दोष पाए गए। पहला, आत्मा या मन एक ऐसी अमूर्त वस्तु है जिसे देखा या सुना नहीं जा सकता। फलत: इसका अध्ययन वैज्ञानिक ढंग से संभव नहीं है और न इन पर कोई प्रयोग ही किया जा सकता है। दूसरा, मनोविज्ञान को मन या आत्मा का विज्ञान मान लेने से उसकी विषय-वस्तु अस्पष्ट ही बनी रहती है, क्योंकि इन शब्दों का प्रयोग अनेक अर्थों में किया जाता है। मनोविज्ञान में यह किस अर्थ में प्रयुक्त किया जाये, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता।
फलस्वरूप मनोविज्ञान की विषय-वस्तु मन या आत्मा से हटकर मानसिक क्रियाएँ या चेतन अनुभूति हो गई।
इस परिभाषा को मानने वाले मनोवैज्ञानिकों को संरचनावादी कहा गया, जिसमें विलियम वुण्ट व ई. बी. टिचेनर प्रमुख थे। चेतना का विज्ञान मानने वाले अन्य वैज्ञानिक विलियम जेम्स एवं जेम्स सली थे।
चेतन अनुभूति का अर्थ→ संवेदना, कल्पना, प्रतिमा तथा भाव आदि मानसिक क्रियों से है।
मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला 1879 में विलियम वुण्ट ने लिपजिंग विश्वविद्यालय में स्थापित की थी। विलियम वुण्ट को मनोविज्ञान का जनक कहा जाता है।
आधुनिक मनोविज्ञान का जनक विलियम जेम्स को कहते है।
संरचनावादियों की परिभाषा में सबसे प्रमुख दोष यह बताया गया कि, चेतन अनुभूति का वस्तुनिष्ठ ढंग से अध्ययन नहीं किया जा सकता है, मनोविज्ञान के प्रयोगात्मक स्वरूप की व्याख्या नहीं हो पाती तथा इसमें मात्र चेतन अनुभूति के अध्ययन पर बल डाला गया है, परंतु व्यक्ति के सभी अनुभव चेतन नहीं होते, बल्कि अधिकांश अनुभव अचेतन होते हैं।
इस प्रकार चेतना के विज्ञान के रूप में मनोविज्ञान की परिभाषा को अस्वीकार कर दिया। क्योंकि इस परिभाषा से यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं होता है कि मनोविज्ञान मन की सभी अवस्थों का अध्ययन करता है या नहीं।
मनोविज्ञान → व्यवहार का विज्ञान (20वीं शताब्दी से अब तक): –
चेतन अनुभूति को मनोविज्ञान की विषय-वस्तु से अलग कर दिया गया तथा उसकी जगह व्यवहार को रखा गया जिसका स्वरूप अधिक वस्तुनिष्ठ था, क्योंकि इसे देखा या सुना जा सकता है। दौड़ना, रोना, हँसना, सोचना आदि व्यवहार के प्रमुख उदाहरण हैं।
वाटसन के अनुसार, “ मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित या शुद्ध विज्ञान है।”
मनोविज्ञान में व्यवहारवाद (बिहेवियरिज़म) की शुरुआत बीसवीं सदी के पहले दशक में जे.बी. वाटसन द्वारा 1913 में जॉन हॉपीकन्स विश्वविद्यालय में की गयी। वाटसन को व्यवहारवाद का जनक कहा जाता है।
मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान मनाने वाले वैज्ञानिक – जे. बी. वाटसन, विलियम वुडवर्थ, विलियम मैक्डुगल एवं बी. एफ. स्किनर।
मनोविज्ञान के अर्थ परिवर्तन को वुडवर्थ ने निम्न प्रकार से परिभाषित किया है :-
“सर्वप्रथम मनोविज्ञान ने अपनी आत्मा को छोडा, फिर अपने मन को त्यागा, फिर अपनी चेतना खोई और अब यह व्यवहार के ढंग को अपनाऐ हुए है।”
मनोविज्ञान की परिभाषाऐं-
वुडवर्थ के अनुसार, “मनोविज्ञान, वातावरण के सम्पर्क में होने वाले मानव व्यवहारों का विज्ञान है।”
मैक्डूगल के अनुसार, “ मनोविज्ञान, आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है।”
क्रो एण्ड क्रो के अनुसार, “मनोविज्ञान मानव – व्यवहार और मानव सम्बन्धों का अध्ययन है।”
बोरिंग के अनुसार, “ मनोविज्ञान मानव प्रकृति का अध्ययन है।”
स्किनर के अनुसार, “ मनोविज्ञान, व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है।”
मन के अनुसार, “आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है।”
गैरिसन व अन्य के अनुसार, “मनोविज्ञान का सम्बन्ध प्रत्यक्ष मानव– व्यवहार से है।”
गार्डनर मर्फी के अनुसार, “मनोविज्ञान वह विज्ञान है, जो जीवित व्यक्तियों का उनके वातावरण के प्रति अनुक्रियाओं का अध्ययन करता है।”
मनोविज्ञान के विषय क्षेत्र
मनोविज्ञान के विषय क्षेत्र में रात दिन वृद्धि होती जा रही है। अतः मनेाविज्ञान के अध्ययन के लिए अनेक शाखाओं को विभाजित कर दिया गया है। यही नहीं लगातार नए- नए क्षेत्र भी बनते चले जा रहे हैं। प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार हैं:-
i. सामान्य मनोविज्ञान
ii. असमान्य मनोविज्ञान
iii. मानव मनोविज्ञान
iv. पशु मनोविज्ञान
v. बाल मनोविज्ञान
vi. किशोर मनोविज्ञान
vii. प्रौढ़ मनोविज्ञान
viii. वृद्धावस्था का मनोविज्ञान
ix. औद्योगिक मनोविज्ञान
x. नैदानिक मनोविज्ञान
xi. परामर्श मनोविज्ञान
xii. मनोजैव विज्ञान
xiii. व्यक्तित्व मनोविज्ञान
xiv. सैन्य मनोविज्ञान
xv. प्रायोगिक मनोविज्ञान
xvi. मनोमितिक (Psychometric)मनोविज्ञान
xvii. अतीन्द्रीय मनोविज्ञान (Para Psychology)
xviii. पर्यावरणीय मनोविज्ञान
xix. स्वास्थ्य मनोविज्ञान
xx. न्यायिक (Forensic)मनोविज्ञान
xxi. खेल कूद मनोविज्ञान
xxii. राजनीतिक मनोविज्ञान
xxiii. शैक्षिक मनोविज्ञान