National Symbols of India

भारत के राष्‍ट्रीय चिह्न/प्रतीक

राष्‍ट्रीय ध्‍वज : तिरंगा

हमारा राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों से बना है इसलिए हम इसे तिरंगा भी कहते हैं। इसमें सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफ़ेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में है। शीर्ष में गहरा केसरिया रंग देश की ताकत और साहस को दर्शाता है। बीच में स्थित सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है। हरा रंग देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाता है। ध्‍वज को साधारण भाषा में ‘झंडा’ भी कहा जाता है। झंडे की चौड़ाई और लम्‍बाई का अनुपात 2 : 3 है। सफ़ेद पट्टी के केंद्र में गहरा नीले रंग का चक्र है, जिसका प्रारूप अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थापित सिंह के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले चक्र की भांति है। चक्र की परिधि लगभग सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर है। चक्र में 24 तीलियां हैं। राष्‍ट्रीय ध्‍वज का डिजाइन 22 जुलाई, 1947 को भारत के संविधान द्वारा अपनाया गया था। वर्ष 1931 ध्‍वज के इतिहास में एक यादगार वर्ष है। तिरंगे ध्‍वज को हमारे राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्‍ताव पारित किया गया । यह ध्‍वज जो वर्तमान स्‍वरूप का पूर्वज है, केसरिया, सफेद और मध्‍य में गांधी जी के चलते हुए चरखे के साथ था।

भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज की अभिकल्‍पना पिंगलि वेंकय्या ने की थी। तथा इन्‍होंने ही सबसे पहले इसका प्रारूप तैयार किया था।

राजकीय प्रतीक : अशोक चिह्न

भारत का राष्‍ट्रचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। भारत सरकार ने यह चिन्ह 26 जनवरी, 1950 को अपनाया। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र ‘सत्यमेव जयते’ देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- ‘सत्य की ही विजय होती है’। एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर ‘धर्मचक्र’ रखा हुआ है।

राष्‍ट्रीय पशु : बाघ

राष्ट्रीय पशु ‘बाघ’ (पैंथरा टाइग्रिस-लिन्नायस), पीले रंगों और धारीदार लोमचर्म वाला एक पशु है। राजसी बाघ, तेंदुआ धारीदार जानवर है। अपनी शालीनता, दृढ़ता, फुर्ती और अपार शक्ति के लिए बाघ को ‘राष्ट्रीय पशु’ कहलाने का गौरव प्राप्त है। इसकी आठ प्रजातियों में से भारत में पाई जाने वाली प्रजाति को ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ के नाम से जाना जाता है। भारत के अतिरिक्त यह नेपाल, भूटान और बंगलादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है।

राष्‍ट्रीय पक्षी : मोर

मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण ही भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया। भारतीय जनमानस के मन में बसा और आस्थाओं से रचा बसा पक्षी मोर, पावों क्रिस्‍तातुस, भारत का राष्‍ट्रीय पक्षी है। इसकी दो प्रजातियां हैं-नीला या भारतीय मोर (पैवो क्रिस्टेटस), जो भारत और श्रीलंका (भूतपूर्व सीलोन) में पाया जाता है।

हरा या जावा का मोर (पि. म्यूटिकस), जो म्यांमार (भूतपूर्व बर्मा) से जावा तक पाया जाता है।

राष्‍ट्रीय पुष्‍प : कमल

भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल (नेलंबो न्यूसिपेरा गार्टन) है। यह एक पवित्र पुष्प है तथा प्राचीन भारतीय काल और पुराणों में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्राचीनकाल से ही इसे भारतीय संस्कृति में शुभ प्रतीक माना जाता है।

राष्‍ट्रीय पेड़ : बरगद

भारत का राष्‍ट्रीय वृक्ष बरगद (फाइकस बेंघालेंसिस) है। बरगद का वृक्ष घना एवं फैला हुआ होता है। इसकी शाखाएं दूर-दूर तक फैली तथा जड़ें गहरी होती हैं। इतनी गहरी जड़ें किसी और वृक्ष की नहीं होतीं।

राष्‍ट्रीय गान : जन गण मन

स्‍वर्गीय कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा संक्षिप्त “जन गण मन” के नाम से प्रख्‍यात शब्दों और संगीत की रचना, भारत का राष्‍ट्रगान है। ऐसी स्तुति या गान, जो राष्ट्रप्रेम की भावना अभिव्यक्त करता हो तथा शासकीय रूप से आधिकारिक राष्ट्रगान के रूप में स्वीकृत हो या जनसाधारण में लोकप्रिय हो, राष्ट्रगान के रूप में वर्णित किया जाता है। जन गण मन की गायन अवधि 52 सेकेण्ड है। संक्षिप्‍त संस्‍करण को चलाने की अवधि लगभग 20 सेकंड है। संविधान सभा ने जन-गण-मन को भारत के राष्ट्रगान के रुप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया था। इसे सर्वप्रथम 27 दिसम्बर 1911 को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। पूरे गान में 5 पद हैं। भारत का राष्ट्रगान निम्‍न है :

जन-गण-मन अधिनायक, जय हे। भारत-भाग्‍य-विधाता,

पंजाब-सिंधु गुजरात-मराठा, द्रविड़-उत्‍कल बंग,

विन्‍ध्‍य-हिमाचल-यमुना गंगा, उच्‍छल-जलधि-तरंग,

तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे,

गाहे तव जय गाथा,जन-गण-मंगल दायक जय हे

भारत-भाग्‍य-विधाता, जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।

राष्‍ट्रीय नदी : गंगा नदी

भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी गंगा, राष्‍ट्रीय नदी है, जो भारत और बांग्लादेश में मिलाकर 2,510 किमी की दूरी तय करती हुई उत्तरांचल में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। गंगा, देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, जन जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है।

राष्‍ट्रीय जलीय जीव : गंगा डॉल्फ़िन

“गंगा डॉल्फ़िन” भारत की राष्‍ट्रीय जलीय जीव है। डॉल्फ़िन की दो प्रजातियां हैं। ये भारत, बांग्लादेश तथा नेपाल में पाई जाती हैं। गंगा डॉल्फ़िन सभी देशों के नदियों के जल, मुख्यतः गंगा नदी में तथा सिंधु नदी डॉल्फ़िन, सिंधु नदी के जल में पाई जाती है।

राष्‍ट्रीय पंचांग : राष्ट्रीय शाके

शक संवत या राष्ट्रीय शाके भारत का राष्ट्रीय पंचांग है। यह 78 वर्ष ईसा पूर्व प्रारम्भ हुआ था। 22 मार्च 1957 को इसे अधिकारिक रूप से विधिवत अपनाया गया। माना जाता है कि 500 ई. के उपरान्त संस्कृत में लिखित सभी ज्योतिषशास्त्रीय ग्रन्थ शक संवत का प्रयोग करने लगे। इस संवत का यह नाम क्यों पड़ा, इस विषय में विभिन्न मत हैं। इसे कुषाण राजा कनिष्क ने चलाया या किसी अन्य ने, इस विषय में अन्तिम रूप से कुछ नहीं कहा जा सका है।

निम्‍नलिखित सरकारी प्रयोजनों के लिए इस पंचांग को अपनाया गया:

भारत का राजपत्र,

आकाशवाणी द्वारा समाचार प्रसारण,

भारत सरकार द्वारा जारी कैलेंडर और

लोक सदस्‍यों को संबोधित सरकारी सूचनाएं

राष्‍ट्रीय गीत : वंदे मातरम्

बंकिमचंद्र चटर्जी ने वंदे मातरम् गीत की संस्कृत में रचना की है। श्री अरविन्द ने इस गीत का अंग्रेज़ी में और आरिफ़ मौहम्मद ख़ान ने इसका उर्दू में अनुवाद किया है। यह स्‍वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत था। वह पहला राजनीतिक अवसर, जब यह गीत गाया गया था, 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन था। इसका प्रथम पद इस प्रकार है-

वंदे मातरम्, वंदे मातरम्! सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,

शस्यश्यामलाम्, मातरम्! वंदे मातरम्! शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,

फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्, सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,

सुखदाम् वरदाम्, मातरम्! वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥

राष्‍ट्रीय फल : आम

आम (मेनिगिफेरा इंडिका) भारत का राष्ट्रीय फल है। विश्व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र का एक महत्त्वपूर्ण फल है। ऊष्णकटिबंधीय देशों में आम बड़े पैमाने पर पैदा होते हैं। आम को पूर्वी एशिया, म्यांमार (भूतपूर्व बर्मा) और भारत के असम राज्य का स्थानीय फल माना जाता है। आम एक गूदे दार फल है, जिसे पकाकर खाया जाता है या कच्‍चा होने पर इसे अचार आदि में इस्‍तेमाल किया जाता है। इस रसदार फल में विटामिन ए, सी तथा डी का एक समृद्ध स्रोत है।

राष्‍ट्रीय खेल : हॉकी

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हॉकी का प्रारम्भ 4,000 वर्ष पूर्व ईरान में हुआ था। इसके बाद बहुत से देशों में इसका आगमन हुआ। हॉकी को भारत में विशेष सम्मान मिला और यह राष्ट्रीय खेल बना। हमारे देश में इसका आरम्भ 100 वर्षों से पहले हुआ था। 11 खिलाड़ियों के दो विरोधी दलों के बीच मैदान में खेले जाने वाले इस खेल में प्रत्येक खिलाड़ी मारक बिंदु पर मुड़ी हुई एक छड़ी (स्टिक) का इस्तेमाल एक छोटी व कठोर गेंद को विरोधी दल के गोल में मारने के लिए करता है। बर्फ़ में खेले जाने वाले इसी तरह के एक खेल ‘आईस हॉकी’ से भिन्नता दर्शाने के लिए इसे मैदानी हॉकी कहते हैं।

राष्ट्रीय मुद्रा : भारतीय रुपया

भारतीय रुपए का प्रतीक चिह्न अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदान-प्रदान तथा आर्थिक संबलता को परिलक्षित कर रहा है। रुपए का चिह्न भारत के लोकाचार का भी एक रूपक है। रुपए का यह नया प्रतीक देवनागरी लिपि के ‘र’ और रोमन लिपि के अक्षर ‘आर’ को मिला कर बना है, जिसमें एक क्षैतिज रेखा भी बनी हुई है। यह रेखा हमारे राष्ट्रध्वज तथा बराबर के चिह्न को प्रतिबिंबित करती है। भारत सरकार ने 15 जुलाई, 2010 को इस चिह्न को स्वीकार कर लिया है। यह चिन्ह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुम्बई के पोस्ट ग्रेजुएट डिजाइनर श्री डी. उदय कुमार ने बनाया है।

भारत के राष्ट्रीय दिवस

स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयंती और गणतंत्र दिवस को भारत के राष्ट्रीय दिवस के रुप में घोषित किया गया है। स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1947 में भारतीयों को ब्रिटि‍श शासन से आजादी मिली थी। 26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान प्राप्त हुआ था इसलिये इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है। हर साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनायी जाती है क्योंकि इसी दिन गाँधी का जन्म हुआ था। सभी राष्ट्रीय दिवस को राजपत्रित अवकाश के रुप में पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है।

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