राजस्थान की प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानी

राजस्थान की प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानी

जानकी देवी बजाज

  • जानकी देवी राजस्थान के विख्यात स्वतंत्रता सेनानी श्री जमना लाल बजाज की धर्म पत्नी थी।
  • जानकी देवी जी ने महिला जागरण व सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठायी तथा संत विनोबा भावे जी के सानिध्य में इन्होंने गौ-सेवा का कार्य अपने हाथ में लिया।
  • 1956 में इनको भारत सरकार ने पद्म विभूषण से अलंकृत किया गया।

गवरी बाई

  • गवरी बाई का जन्म डूँगरपुर के ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनका विवाह बाल्य काल में ही हो गया था तथा विवाह के 7 वें दिन इनके पति का निधन हो गया तब इन्होंने कहा कि मेरा पति ईश्वर है, मैं इसी के ग्रन्थों को पढूँगी और उसी का गान करूंगी।
  • गवरी बाई ने बालिका शिक्षा पर जोर दिया। ये डूँगरपुर से वृन्दावन चली गई। फिर वहाँ से 1923 को बनारस गई और वही गंगा घाट पर इन्होंने अपने प्राण त्यागे। गवरी बाई को वागड़ की मीरां कहा जाता है।

काली बाई

  • काली बाई का मूलतः जन्म स्थान रास्तापाल गाँव है जो कि डूँगरपुर जिले में स्थित है।
  • काली बाई ने अपने गुरू को रियासत के सिपाहियों से ट्रक के बांध कर घसीट कर ले जाते वक्त मुक्त कराया और उसी समय सिपाहियों की गोली की शिकार होकर शहीद हो गई।
  • काली बाई को राजस्थान की सबसे कम उम्र की महिला स्वतंत्रता सेनानी होने का गौरव प्राप्त है, जो महज 12 वर्ष की उम्र में ही अपने गुरू को मुक्त कराते वक्त शहीद हो गई।
  • काली बाई का निधन 21 जून, 1947 को हुआ था तथा काली बाई व गुरू नाना भाई खाट का दाह संस्कार गैब सागर बाँध के पास सुरपुर ग्राम में किया।
  • काली बाई की स्मृति में शिक्षा विभाग द्वारा कालीबाई महिला साक्षरता उन्नयन पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाता है।

नारायणी देवी शर्मा

  • महान स्वतंत्रता सेनानी माणिक्यलाल वर्मा की धर्म पत्नी नारायण देवी वर्मा का जन्म 1902 में हुआ।
  • नारायण देवी वर्मा को आदिवासी महिलाओं के उत्थान के लिए जानी जाती है तथा इन्होंने कहा कि जब तक महिलाएँ जाग्रत नहीं होगी तब तक सामाजिक क्रांति नहीं हो सकती।

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